जन्मदिन के बाद फिर से शुरू कर रहे हैं एक्सरसाइज, तो कैसे करें सही और हेल्दी शुरुआत

शारीरिक परिस्थिति या भौतिक सक्रियता जीवन के हर फेज में जरूरी है। यह न केवल शरीर को फिट हैं, बल्कि कार्डियो स्पिरिटरी फिटनेस को भी रशिया हैं। यह वेट कंट्रोल करने में मदद करता है और कई गंभीर दायित्वों को भी कम करता है। शारीरिक गतिविधियां या लंबी आयु का व्यायाम भी करता है। व्यायाम न केवल गर्भावस्था, बल्कि जन्म के बाद (प्रसवोत्तर) भी शरीर को स्वस्थ रखता है (प्रसवोत्तर व्यायाम)। तो अगर आप भी अभी हाल ही में मां बनी हुई हैं और वर्कआउट की शुरुआत करना चाहती हैं तो जानिए इसके लिए कुछ जरूरी टिप्स।
महिलाएँ किस तरह की गतिविधियाँ करें
जो महिलाएं गर्भावस्था की शुरुआत में ही स्वस्थ जीवन जीती हैं, जैसे- व्यायाम, पोषण और धूम्रपान नहीं करती हैं, उन्हें न सिर्फ स्वस्थ प्रेग्नेंसी है, बल्कि जन्म के बाद भी समस्या नहीं है। अब यह सवाल उठता है कि जन्म के बाद महिलाओं को किस तरह की एक्टिविटी या एक्सरसाइज (Physical activity or एक्सरसाइज इन पोस्टपार्टम) करना चाहिए? इसके लिए हमने गुरुग्राम के क्लॉड नाइन अस्पताल में सीनियर सिंगिंग एकलिस्ट और ऑब्स्टेट्रिक्स डॉ. रितु सेठी से।
पोस्टपार्टम अवसाद से बचाव कर सकता है
डॉ. रितु पूछती हैं, कई सन्दर्भ से संकेत मिलता है कि बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के एक्सरसाइज करने की प्रवृति कम हो जाती है। यह अक्सर अधिक वजन और मोटापा हो जाता है। जन्मदिन के बाद एक्सरसाइज फिर से शुरू करना या नए एक्सरसाइज रूट्स को अपनी सगाई में शुमार करना चाहिए। इसका आधार स्वस्थ हो सकता है। कभी-कभी देखा जाता है कि जन्मतिथि की अवधि में महिलाएं अवसादग्रस्त हो जाती हैं। एक्सएक्सएक्स (प्रसवोत्तर व्यायाम) अवसाद ((प्रसवोत्तर अवसाद) सेस्त्रा करने में भी आवश्यक कारक सिद्ध हो सकते हैं।’
व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है
कुछ महिलाएं कुछ दिनों के भीतर शारीरिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने में सक्षम होती हैं। वहीं कुछ महिलाओं को पता नहीं चल पाता है। जन्म के बाद यह देखना जरूरी है कि वेजाइनल बर्थ (वेजाइनल बर्थ) हुआ है या सिजेरियन बर्थ (सिजेरियन सेक्शन बर्थ)। चिकित्सा या दस्तावेज संबंधी जटिलताओं पर ही अभ्यास करना शुरू करना चाहिए। यदि आप अनुबंध के रूप में सुरक्षित हैं, तो जन्म के बाद धीरे-धीरे व्यायाम शुरू कर सकते हैं। व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
कर सकते हैं पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Pelvic Floor Exercises)
पासपोर्ट की अवधि में पेल्विक फ्लोर व्यायाम करना शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा, एब्डोमिनल स्ट्रेंथिंग एक्सरसाइज भी की जा सकती है। इसमें एब्डोमिनल क्रंच एक्सरसाइज और जॉगिंग-इन एक्सरसाइज शामिल हैं। इसकी मदद से स्टमक दीवार की मांसपेशियों को खींचा जाता है। इससे पेट पर दबाव बढ़ रहा है।
हर दिन 30 मिनट की वॉकिंग से शुरुआत करें (ostpartum Walking)
शुरूआती प्रभाव वाले अनुमानों से कर सकते हैं। इसके अलावा, वॉकिंग, करोड़, योगासन, पाइलेट्स, साइकिलिंग, लाइट वेट ट्रेनिंग फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं। यदि रक्तस्राव बंद हो गया है, तो एक्वा सहयोगी भी हो सकते हैं।
बच्चे के होने के बाद आपको हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली गतिविधियां करनी चाहिए। सप्ताह के 5 दिनों में 150 मिनट को 30 मिनट के वर्कआउट में बांट सकते हैं। इसमें हर दिन 10 मिनट के हिसाब से छोटे-छोटे हिस्से किए जा सकते हैं जो आज भी हो सकते हैं। आप हर दिन 30 मिनट वॉक कर सकते हैं।
एक्टिविटी से सबसे पहले हाईड्रेशन होना जरूरी है
स्तनपान कराने वाली महिलाएं (स्तनपान कराने वाली मां) में नियमित रूप से कम प्रभाव वाले व्यायाम एक्स ब्रेस्ट मिल (स्तन का दूध) उत्पादन को बढ़ावा देती हैं। शारीरिक संरचना फिट होती है। यह शिशु विकास (बाल विकास) को प्रभावित किए बिना मां के दिल की फिटनेस में सुधार करने में भी मदद करता है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तनों में जलन होने की संभावना हो सकती है। इससे बचने के लिए व्यायाम करने से पहले बच्चे को दूध पिलाने या दूध निकालने पर विचार करना चाहिए। किसी भी प्रकार की शारीरिक स्थिति शुरू करने से पहले उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी भी लेना चाहिए, ताकि निर्जलीकरण न हो।